वनडे में मुझे और शमी को लेनी होगी ज्यादा जिम्मेदारी: उमेश

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नागपुर: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने कहा भविष्य में टीम में जगह बनाए रखने के लिये उन्हें और मोहम्मद शमी को अंतिम ओवरों में अच्छी गेंदबाजी करनी होगी। टेस्ट मैचों में उमेश पिछले सत्र के मुकाबले इस सत्र में बेहतर गेंदबाजी कर रहे है, लेकिन वह और शमी वनडे मैचों में जगह बनाने में कामयाब नहीं रहे है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सिरीज़ में उनकी जगह तेज गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार टीम के तरजीह दी गयी है।

सिरीज़ का आखिरी मैच में यहां होना और इस शहर में जन्में उमेश को एक और मौका मिल सकता है। हालांकि बेंगलुरु में पिछले मैच में वह खासे महंगे साबित हुये थे। उन्होंने दस ओवर में 71 रन लुटा कर चार विकेट लिये थे।

उमेश ने यहां कहां, ‘‘ बेंगलुरु की हार का टीम के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ा है। मुझे लगता है हमने 15-20 रन ज्यादा दे दिया था। शमी और मैं लंबे समय के बाद साथ खेले लेकिन हम टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी है, हमें टीम की जरूरत के हिसाब से प्रदर्शन करना होगा। खासकर अंतिम के ओवरों में हमें ज्यादा जिम्मेदारी लेनी होगी।’’

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टेस्ट मैचों में खेलने की उनकी प्राथमिकता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मैं वनडे के मुकाबले टेस्ट मैचों में खेलना ज्यादा पसंद करता हूं। वहां योजनाओं को मैदान में उतारने के लिये आपके पास ज्यादा समय होता हैं। पांच दिनों के दौरान आपके पास कई तरह की परिस्थितियां होती हैं और मुझे वह चुनौती पसंद है। इस से आप का आत्मविश्वास बढ़ता है और आप ज्यादा सटीक होते है। टेस्ट में खेल कर मैं ज्यादा खुश हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वनडे में योजनाओं को उतारने के लिये ज्यादा समय नहीं होता. लेकिन करियर के किसी भी पड़ाव पर मैं यह खुद तय नहीं कर सकता कि किस मैच में खेलूंगा। मेरी सोच यह है कि जिस प्रारुप में भी मुझे मौका मिले उसमें खेलूं।’’

उमेश ने कहा कि किस प्रारुप में खेलना हैं इसका चयन करने का अधिकार तभी होता जब टीम साल में 15 से 20 टेस्ट मैच खेले. उन्होंने कहा, ‘‘अगर टेस्ट मैच ज्यादा हो तो आप प्रारूप का चयन कर सकते है। लेकिन आप ये नहीं कह सकते की सिर्फ टेस्ट मैचों में खेलेंगे क्योंकि सत्र के दौरान ऐसा समय भी होता है जब आप ज्यादा मैच नहीं खेलते है। आप खाली समय में क्या करेंगे? शरीर को अभ्यास चाहिये।

उमेश को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद आराम दिया गया था और एक महीने बाद उन्हें पिछले वनडे में उतरने का मौका मिला। टीम मैनेजमेंट तेज गेंदबाजों के काम के बोझ से जिस तरह निपट रही है उससे उमेश खुश है। उन्होंने कहा, ‘‘ तेज गेंदबाजों के लिये यह अच्छा है। जब आप टेस्ट मैचों में लगातार खेल रहे है तो तेज गेंदबाजों पर काफी बोझ पड़ता है। अगर ये मैच उपमहाद्वीप में है तो शरीर के लिये यह और मुश्किल है। इसके बाद हमारे लिये वनडे में उसी जोश के साथ खेलना मुश्किल हो जाता है। इसलिये आराम करना अच्छा विकल्प है, इससे आप छोटी चोटों से भी उबर जाते है। सही से आराम नहीं मिला तो आप कई महीनों तक टीम से बाहर हो सकते है।’’

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