कैंसर का इलाज कराने गए बुजुर्ग के पेट में मिला ‘गर्भाशय’ जानिए मामला

cancer ka treatment karane gaye bujurg ke pet mein mila 'Uterus' Learn the case Samastipur Now
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समस्तीपुर। इस अस्पताल में मरीज का लिंग परिवर्तन कर इलाज किया जाता है। यह हम नहीं कह रहे, वहां से जारी एमआरआइ रिपोर्ट व उनके आधार पर इलाज कराने वाले मरीज का आरोप है। हम बात कर रहे हैं Patna के प्रतिष्ठित Indira Gandhi Institute of Medical Sciences (IGIMS) की।

IGIMS से जारी MRI report सवालों के घेरे में है। इसमें Samastipur के मोरवा निवासी Ayurvedic physician Dr. Shashi Bhushan Mishra के पेट में गर्भाशय होने की बात सामने आई है। इसके आधार पर चिकित्सक ने भी मरीज को 52 हजार रुपये के तीन महंगे इंजेक्शन लगाने की सलाह दे दी।

मरीज के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भाशय छोटा है। इसको IGIMS के चिकित्सक से लेकर विभागाध्यक्ष तक ने देखा, लेकिन किसी की नजर यूटरस इज नार्मल इन साइज … पर नहीं पड़ी। हद यह कि इस रिपोर्ट के आधार पर मरीज को 52 हजार रुपए के तीन महंगे इंजेक्शन लेने की सलाह भी दे दी गई।

कैंसर का इलाज कराने गए थे

पीडि़त डॉ. शशिभूषण ने बताया कि वे प्रोस्टेट की जांच के लिए पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) गए थे। वहां ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के उपरांत बायोप्सी रिपोर्ट में कैंसर की शिकायत मिली।

इस पर एनएमसीएच के चिकित्सक ने आइजीआइएमएस रेफर कर दिया। वहां मेडिसीन विभाग में चिकित्सा के दौरान एमआरआइ कराने की सलाह दी गई। इसकी रिपोर्ट में गर्भाशय होने की बात सामने आई। जब इस रिपोर्ट को दूसरे चिकित्सकों को दिखाया गया तो उन्होंने इस रिपोर्ट को ही गलत बताया।

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इंजेक्शन से बिगड़ी स्थिति

जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर की सलाह पर मरीज के पुत्र ने एक इंजेक्शन तत्काल लगवा दी। इसके साइड इफेक्ट से उनकी हालत बिगड़ गई।

IGIMS को नोटिस

मरीज ने उपभोक्ता फोरम के माध्यम से आइजीआइएमएस के विभागाध्यक्ष को वकालतन नोटिस भेजा है। इसमें गलत एमआरआइ रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सा करने की वजह से हालत बिगडऩे का उल्लेख किया गया है। दोषी पर कार्रवाई करते हुए 1.20 लाख मुआवजा देने की मांग की है।

अस्पताल ने दी सफाई

IGIMS के चिकित्सा अधीक्षक Dr. SK Shahiने कहा कि इस मामले में संभवत: किसी महिला की MRI report दे दी गई है। IGIMS में आउटसोर्सिंग के तहत MRI की जाती है। इस मामले की जानकारी मिलने पर Investigation agency को नोटिस दी गई है।

पूरे मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने Inquiry report के आधार पर इलाज की बात इन्कार करते हुए कहा कि मरीज का इलाज सही रिपोर्ट के आधार पर किया गया।

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