अमेरिकियों के पास 31 करोड़ हथियार, दुनिया में सबसे ज्‍यादा

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लास वेगस शूटिंग में 59 लोगों की मौत के बाद अमेरिका में ‘गन वायलेंस’ को लेकर चर्चा तेज हो गई है. अमेरिकी इतिहास की इस सबसे बड़ी शूटिंग की घटना के बाद वहां बंदूक की जरूरत को लेकर भी बहस चल रही है. ऐसे में हम इन पांच तथ्यों से यह समझने की कोशिश करते हैं कि अमेरिका में ‘गन कल्चर’ क्यों खतरनाक बनता जा रहा है. अमेरिकियों के पास दुनिया के करीब आधे हथियार है.

अमेरिका में बंदूक की जरूरत पर लंबे समय से बहस चल रही है. वहां पर बंदूक खरीदने के लिए किसी विशेष लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ती. सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी नागरिकों के पास 31 करोड़ से अधिक हथियार हैं, जो दुनिया में सिविलियन के पास मौजूद कुल हथियारों का करीब 48 फीसदी है. हालांकि, यह आंकड़ा वर्ष 2009 का है, फिर भी यही सबसे ताजा आंकड़ा हैं.

एक रोचक तथ्य यह है कि सिविलियन के पास हथियार के मामले में भारत दूसरे पायदान पर है और भारतीयों के पास 4.6 करोड़ से अधिक हथियार हैं. आंकड़ों के मुताबिक पूरी दुनिया में सिविलियन लोगों के पास करीब 65 करोड़ हथियार हैं.

स्विट्जरलैंड स्थित स्मॉल आर्म्स सर्वे के मुताबिक 2007 के बाद से इन हथियारों की संख्या में काफी वृद्धि आई है. हथियारों का अवैध व्यापार, वैश्विक संघर्ष और गैर पंजीकरण ऐसे कुछ कारण हैं जिनसे दुनिया में सिविलियन के पास मौजूद हथियारों की सटीक संख्या नहीं बताई जा सकती.

अमेरिकियों के पास प्रति व्यक्ति सबसे अधिक हथियार

अमेरिकियों के पास प्रति व्यक्ति सबसे अधिक बंदूक हैं. वहां हर 10 व्यक्तियों में से चार के पास बंदूक हैं. एक सर्वे के मुताबिक 48 फीसदी अमेरिकियों का कहना है कि उनके घरों में उनके जन्म से पहले से बंदूक मौजूद थी.

इस सर्वे के मुताबिक अमेरिका में बंदूक रखने वाले 66 फीसदी लोगों के पास एक से अधिक हथियार हैं. इस मामले में दूसरे नंबर पर यमन है. लेकिन मास शूटिंग के मामले में अमेरिका सबसे आगे है. दुनिया के किसी भी देश की तुलना में वहां सबसे अधिक मास शूटिंग की घटनाएं होती हैं.

अमेरिका में सबसे अधिक मास शूटिंग

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रविवार को लास वेगस में हुई शूटिंग की घटना से पहले पिछले साल ऑरलेंडो में सबसे बड़ी मास शूटिंग हुई थी, जिसमें 49 लोग मारे गए थे. 2012 में कनेक्टिकट के न्यूटाउन के एक स्कूल में हुई शूटिंग की घटना में 26 लोग मारे गए थे.

इसी तरह 2007 में वर्जिनिया टेक में एक जनसंहार में 32 लोग मारे गए थे. ऐसी घटनाओं के बाद अमेरिका में बंदूक पर नियंत्रण को लेकर बहस तेज हो गई लेकिन इसके साथ ही वहां बंदूक की मांग भी बढ़ी है.

अमेरिका में दुनिया की पांच फीसदी आबादी रहती है लेकिन वहां मास शूटिंग की 31 फीसदी घटनाएं घटी हैं. वर्ष 1966 से 2012 के बीच अमेरिका में मास शूटिंग की 90 घटनाएं घटीं, जबकि दूसरे स्थान पर फिलिपींस है जहां इस दौरान ऐसी 18 घटनाएं घटीं. यहां बिना किसी कारण की गई फायरिंग में चार या उससे अधिक लोगों की मौत को मास शूटिंग माना गया है.

अमेरिका में गोली लगने से सबसे अधिक लोगों की मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अमेरिका में अन्य उच्च आय वाले देशों में तुलना में 25.2 गुना अधिक मौतें गोली लगने से होती हैं. आंकड़ों के मुताबिक गोली लगने के कारण ब्रिटेन में होने वाली मौतों की तुलना में अमेरिका में 51 गुना ज्यादा मौतें होती हैं.

एक अध्ययन के मुताबिक अमेरिका में हर साल बंदूक की गोली से 1300 से अधिक बच्चे मारे जाते हैं. अमेरिका में बंदूक रखने वाले दो-तिहाई लोगों का कहना है कि वे निजी सुरक्षा के लिए गन रखते हैं. अमेरिका में बंदूक से आत्महत्या के मामले अन्‍य विकसित देशों की तुलना में आठ गुना अधिक हैं.

मध्य और दक्षिण अमेरिका में सबसे ज्यादा बंदूक से मरते हैं लोग

अमेरिका में बंदूक की गोली से मौत का आंकड़ा उसके दक्षिणी पड़ोसी देशों की तुलना में कम हैं. स्मॉल अार्म्स सर्वे के मुताबिक बंदूक की गोली से अल सल्वाडोर में सबसे अधिक लोगों की मौत होती है. वहां पर प्रति एक लाख की आबादी में 90 लोगों की मौत गोली लगने से होती है.

इसमें अल सल्वाडोर के वे हिस्से शामिल नहीं हैं जहां सक्रिय लड़ाई चल रही है. वर्ष 2010 से 2015 के बीच होंडुरास में प्रति एक लाख की आबादी में 67 लोगों की मौत गोली लगने से हुई.​

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