राम मंदिर डील के आरोप में मौलाना नदवी के खिलाफ अमरनाथ मिश्रा ने दी तहरीर

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Ayodhya Dispute में सुलह को लेकर डील के आरोप में Ayodhya सदभावना समन्वय समिति के General Secretary Amarnath Mishra ने Maulana Salman Nadwi के खिलाफ Lucknow के Hasanganj Police Station में तहरीर दी है. Amarnath Mishra का आरोप है कि Maulana Salman Nadwi ने अपने सुझाव के बदले पांच हज़ार करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. Amarnath Mishra के अनुसार Maulana Salman Nadwi ने इस मुलाकात में हमसे कहा हिंदु पक्षकारों की तरफ से जो प्रस्ताव हों वह हमें लिखकर दे दें, इन प्रस्तावों पर बोर्ड की होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी.

Amarnath Mishra के मुताबिक उन्होंने यह प्रस्ताव Maulana Salman Nadwi को लिखकर दे दिया था. मौलाना ने यह प्रस्ताव मीडिया में लीक कर दिया, जिससे बोर्ड Maulana Salman Nadwi से नाराज़ हुआ. Maulana Salman Nadwi को इस प्रस्ताव पर पहले बोर्ड में डिस्कस करना चाहिए था. यही नहीं Maulana Salman Nadwi इस बैठक से पहले Sri Sri Ravi Shankar से मिलने Bengaluru भी गए थे. Amarnath Mishra के अनुसार Maulana Salman Nadwi से उनकी 4 फरवरी की मुलाकात के दौरान इमाम कौंसिल के General Secretary Haji Masroor Khan भी मौजूद थे.

Amarnath Mishra का कहना है कि Maulana Salman Nadwi  Ayodhya का इस्लामीकरण करना चाहते हैं. वह Ayodhya को नए मक्का मदीना बनाना चाहते हैं. इसीलिए जब उन्होंने हमसे प्रस्ताव मांगा था तो साथ में 5000 करोड़ रुपये, 2 एकड़ ज़मीन और राज्यसभा की सीट मांगी थी. Amarnath Mishra ने इस मसले में मुख्यत: पांच आरोप लगाए हैं. इसमें सबसे पहला आरोप है कि Maulana Salman Nadwi ने राम जन्मभूमि पर अपना पक्ष बदलने की एवज में पांच हज़ार करोड़ रुपये मांगे. दूसरे उन्होंने 200 एकड़ ज़मीन मांगी.

तीसरे Maulana Salman Nadwi ने उनसे राज्य सभा की सीट देने की भी मांग की.चौथे,Maulana Salman Nadwi ने अपना यह प्रस्ताव सबसे पहले Sri Sri Ravi Shankar के सामने रखा था. पांचवे, इस प्रस्ताव की एवज में Sri Sri Ravi Shankar के दफ्तर से यह जवाब आया कि Ayodhya मसला केवल सदृभाव या सौहार्द से ही सुलझ सकता है. इसे किसी सौदे या डील से नहीं सुलझाया जा सकता.

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उधर Maulana Salman Nadwi ने Amarnath Mishra के सारे आरोपों को खारिज़ करते कहा कि वह Amarnath Mishra या Haji Masroor Khan को नहीं जानते हैं. Maulana Salman Nadwi के अनुसार Amarnath Mishra झूठ बोल रहे हैं. Maulana Salman Nadwi ने इस परे मामले को साजिश करार दिया. नदवी ने इन आरोपों को लगाने वाले Amarnath Mishra पर कानूनी कार्रवाई करने से भी मना कर दिया. Maulana Salman Nadwi अपनी इस बात को कहकर कार्यक्रम से उठकर चले गए.

दूसरी तरफ जब इस सिलसिले में इमाम कौंसिल के General Secretary Haji Masroor Khan से बात की गई तो उन्होंने Amarnath Mishra के आरोपो की तस्दीक करते हुए कहा कि उनके सामने Maulana Salman Nadwi ने अमरनाथ से 5 हज़ार करोड़ रुपये मांगे थे.

Amarnath Mishra Ayodhya सदभावना समन्वय समिति के General Secretary हैं. इस समिति को Sri Sri Ravi Shankar की पहल पर बनाया गया था. इस समिति का मुख्य काम इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने की कवायद करना है. हालांकि Amarnath Mishra पहले Sri Sri Ravi Shankar के करीबी माने जाते थे लेकिन अब वह Sri Sri Ravi Shankar के विश्‍वासपात्रों में शुमार नहीं होते हैं. Amarnath Mishra अस्सी और नब्बे के दशक की शुरूआत में Congress के समर्थक रहे हैं.

Amarnath Mishra का इस विवाद के दो अहम पक्षकार राम जन्म भूमि न्यास और र्निमोही अखाड़े से तकनीकी तौर पर कोई संबंध नहीं रहा है. लेकिन उन्हें इस मसले में एक अहम किरदार माना जाता है. Amarnath Mishra के घर पर Sri Sri Ravi Shankar ने कई अहम बैठकें की थीं. ज्ञात हो कि All India Muslim Personal Law Board ने Maulana Salman Nadwi को सदस्यता से बर्खास्त कर दिया है हालांकि, Maulana Salman Nadwi ने दावा किया है कि बोर्ड से अलग होने का फैसला उन्होंने खुद किया है.

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