मुस्लिम महिलाओ के जिम जाने पर मुफ़्ती ने रखी शर्त

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नई दिल्ली: एक पत्रकार द्वारा जब देवबंद के मदरसे जामिया हुसैनिया के मुफ्ती तारिक कासमी से पूछा गया कि क्या मुस्लिम महिलाएं जिम में जाकर वर्क आउट कर सकती हैं, जिस पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाएं ऐसा कर सकती हैं बशर्ते कि कुछ शर्तों का पालन करें.

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मुफ्ती का मानना है कि महिलाए शरीर को फिट रखने के लिए जिम जाती हैं, जिस पर उन्होंने मीडिया से कहा कि जब औरतें जिम में मौजूद हों तो वहां मर्द की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए. साथ ही कोई गाना-बजाना भी नहीं होना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि, दो औरतें भी जिम में मौजूद हों तो एक दूसरे की सतर (जिस्म) को ना देखें. इसका अर्थ ये है कि औरतों का एक-दूसरे के सामने भी शरीर का कोई हिस्सा खुला ना हो.

उसके बाद मुफ्ती बोले, ‘अगर इन सब बातों का पालन करते हुए महिलाएं खुद को फिट रखने के लिए जिम जाती हैं तो ये मेरे हिसाब से बिल्कुल दुरुस्त होना चाहिए.’ बता दे आपको स्वास्थ्य के लिए मुस्लिम महिलाओं में भी जागरूकता बढ़ी है. कुछ दिनों पहले भोपाल से खबर आई थी कि वहां मुस्लिम महिलाएं जिम में भी हिजाब और बुर्के में रह कर वर्कआउट कर रही हैं. उनकी सहूलियत के लिए जिम में महिला ट्रेनर को रखा गया है.

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