अमरीका को पाक की नसीहत, CPEC को भारत के नजरिए से न देखे US

0 87
Above Post Campaign

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा किसी के विरुद्ध षड्यंत्र नहीं है। यह सुरक्षा योजना नहीं है।

वाशिंगटन: पाकिस्तान ने अमरीका को चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा सीपीईसी पर नजरिया बदलने की नसीहत दी है। पाक के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने अमरीका से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को भारत के नजरिए से नहीं, बल्कि इसे दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता लाने की आर्थिक योजना के तौर पर देखने की अपील की है। डॉन न्यूज की खबर के अनुसार, इकबाल ने बुधवार को अमरीका से पाकिस्तान को दूसरे देश के साथ जोड़कर देखने के बदले उसकी अपनी प्रतिभा के साथ देखने का आग्रह किया।

CPEC किसी के खिलाफ ष्डयंत्र नहीं

उन्होंने वाशिंगटन में जोंस होपकिंस स्कूल ऑफ एडवांस इंटरनेशनल स्टडीज में अपने संबोधन में कहा, “चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा किसी के विरुद्ध षड्यंत्र नहीं है। यह सुरक्षा योजना नहीं है। यह आर्थिक समृद्धि की योजना है, जिससे ऊर्जा, आधारभूत संरचना और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा। इकबाल ने कहा कि 50 अरब डॉलर की लागत वाली सीपीईसी परियोजना पर अमरीका की चिंता निराधार है।

शांति, स्थिरता और समृद्धि के नजरिए से देखना जरूरी

Middle Post Banner 1
Middle Post Banner 2

उन्होंने कहा कि इससे सभी को फायदा होगा और यह दक्षिण एवं मध्य एशिया, मध्य-पूर्व व अफ्रिकी देशों को एकसाथ लाने के लिए मंच प्रदान करेगा। इकबाल ने कहा, “इसलिए मुझे लगता है कि अमरीका को सीपीईसी को भारतीय परिदृश्य से नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि स्थापित करने के नजरिये से देखना चाहिए।”

अमरीका के लिए नुकसानदायक होगा यह क्षेत्र

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश है। हमारी अपनी पहचान है और चाहते हैं कि दूसरे देश भी इसका सम्मान करे। इकबाल ने कहा, “अगर अमरीका इस क्षेत्र को भारत के नजरिए से देखेगा तो यह क्षेत्र और अमेरिका के लिए नुकसानदायक होगा। यह बहुत जरूरी है कि अमेरिका इस स्थिति को स्वतंत्र नजरिये से देखे न कि किसी और तरीके से।”

सम्मेलन में भारत ने नहीं लिया हिस्सा

ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह सीपीईसी पर भारत के रुख का समर्थन करते हुए कहा था कि यह एक विविदास्पद भूभाग से होकर गुजरता है और किसी भी देश को बेल्ट व रोड पहल में दबाव की स्थिति पैदान नहीं करनी चाहिए। भारत ने इस वर्ष मई में हुए बेल्ट एवं रोड फोरम (बीआरएफ) सम्मेलन में इस परियोजना के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने की वजह से भाग नहीं लिया था।

Below Post Banner
After Tags Post Banner 1
After Tags Post Banner 2
After Related Post Banner 3
After Related Post Banner 1
After Related Post Banner 2
Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Close